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पोलैंड की राजधानी में श्री श्री तत्वा के साथ मिलकर अपनी चिकित्सा सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं. |
हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ. बी. एस. जिंदल ने बताया कि जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में हॉस्पिटल के डॉ. दिलबाग जिंदल व डॉ. राधा जिंदल, अपने तीन वर्षीय पुत्र प्रणव के साथ 26 यूरोपियन देशों का कार्य वीज़ा प्राप्त कर नई दिल्ली से रवाना हुए। और वर्तमान में यूरोप के विकसित देश पोलैंड की राजधानी वार्सा में श्री श्री तत्वा के साथ मिलकर अपनी चिकित्सा सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि दोनों चिकित्सकों ने हाल ही में भारतीय दूतावास में आयोजित भारत के 70वें गणतंत्र दिवस के समारोह में पोलैंड में भारत के राजदूत सेवांग नामग्याल से मुलाक़ात की।
इस दौरान नामग्याल ने उन्हें जानकारी दी कि भारत सरकार का आयुष मंत्रालय, भारत की प्राचीन विधा- आयुर्वेद को पूरे यूरोप में प्रचार प्रसारित करने का पुरज़ोर प्रयास कर रहा है। उन्होंने चिकित्सकों से दूतावास के साथ मिलकर कार्य योजना बनाने पर बल दिया।
डॉ. जिंदल ने बताया कि पोलैंड देश के विभिन्न शहरों में लगभग चार हज़ार भारतीय मूल के नागरिक हैं। जिनमें आयुर्वेद से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर जिंदल हॉस्पिटल के ये दोनों चिकित्सक पहले भारतीय होंगे।
जर्मनी, बेलारूस, यूक्रेन, नीदरलैंड्स, डेन्मार्क, हंगरी, लीथूयानिया, पोलैंड आदि अनेक यूरोपियन देशों में आयुर्वेद एवं योग के प्रति लोगों का काफ़ी रुझान है।
उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि हमारे चिकित्सक भारत की संस्कृति एवं प्रभावशाली स्वास्थ्य विधा-आयुर्वेद को अब यूरोप के विभिन्न देशों में भी फैलाएंगे।
डॉ. जिंदल ने जानकारी दी कि जिंदल हॉस्पिटल पिछले चार वर्षों से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी डॉ. कृष्णदेव व डॉ. तान्या जिंदल के द्वारा प्रभावशाली रूप में अपनी स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कर रहा है।
~टाइम्स न्यूज़ धनौरा.