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शाकाहारवाद को फैलाने के लिए पोलैंड में भारतीय दूतावास एवं अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित किया गया. |
पोलैंड की राजधानी वार्सा के ऐतिहासिक पैलेस ऑफ़ कल्चर में आयोजित शाकाहार मेले में बतौर विशेष वक्ता के रूप में जिंदल हॉस्पिटल धनौरा से गये डॉ. दिलबाग जिंदल ने भाग लिया।
जिंदल हॉस्पिटल धनौरा के प्रबंध निदेशक- प्रसिद्ध चिकित्सक, समाजसेवी व उनके पिता, डॉ. बी.एस.जिंदल ने बताया इस शाकाहार मेले का आयोजन महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में उनके शाकाहारवाद के सिद्धांत को फैलाने के लिए पोलैंड स्थित भारतीय दूतावास एवं अन्य संस्थाओं द्वारा किया गया था।
आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति के जीवन में भोजन का महत्वपूर्ण स्थान है। शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिये शाकाहारी भोजन को अपनाना अति आवश्यक है। सभा में बोलते हुए डॉ. दिलबाग जिंदल ने कहा कि आयुर्वेद- प्रकृति के अनुरूप जीवन व्यतीत करने का समर्थन करता है और शाकाहार उसी का एक रूप है।
अपने उद्बोधन में उन्होंने जानकारी दी कि आयुर्वेद में पाचन-तंत्र को स्वस्थ रखने पर सबसे अधिक ज़ोर दिया गया है। और यदि हम सही आहार का चयन कर उसे ठीक ढंग से खायें, निश्चित ही वह हमारे लिये स्वास्थ्यप्रद होगा। डॉ. जिंदल ने जानकारी दी कि आयुर्वेद के अनुसार सभी को अपनी प्रकृति के अनुसार आहार-विहार अपनाना चाहिये। उन्होंने उपस्थित जन समूह को भोजन करने की सही रीति की जानकारी दी।
इस भव्य एवं विशाल कार्यक्रम का उद्घाटन पोलैंड में भारतीय दूतावास में राजदूत सेवांग नामग्याल ने किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को शाकाहार के लिए जागरूक करना था। इस कार्यक्रम में दूतावास की नृत्य शिक्षिका जिगना दीक्षित ने गांधी जी के भजनों की धुन पर अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी। योग विशेषज्ञा कीर्ति गहलावत ने सामूहिक योग एवं प्राणायाम कराया।
इस शाकाहार मेले में विभिन्न शाकाहारी उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए क़रीब 300 स्टॉल लगे थे। इस अवसर पर राजधानी वार्सा एवं आसपास के शहरों से पधारे क़रीब 20 हज़ार लोगों ने भाग लिया।
-टाइम्स न्यूज़ मंडी धनौरा.