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लहलहाती फसलें बरबादी की ओर हैं, किसान बीस घंटे बिजली की मांग कर रहे हैं. |
इस समय खेतों में मुख्य रुप से गन्ना, हरा-चारा, लौकी, तुरई, खीरा, तरबूज, टमाटर आदि की फसलें खड़ी हैं। इन सभी फसलों में सिंचाई की बहुत जरुरत है। सब्जियों की फसलें एक-दो दिन की देरी में ही सूखे मौसम में सिंचाई खिंचने से बरबाद होने लगती हैं। जिस तरह लगातार सूखा पड़ रहा है तथा पारा ऊपर खिसक रहा है उससे समस्या और भी जटिल हो गयी है। केवल सब्जियां, चारा और गन्ना ही नहीं बल्कि आम और अमरुद के बागों में भी पानी लगातार चलाना पड़ रहा है। बिजली पर्याप्त न मिलने से तमाम किसान और बागवान परेशान हैं। सूखे तथा बिजली कटौती ने किसानों को रुला दिया है।
जिले में इस बार किसानों ने टमाटर की फसल उगायी है। टमाटर पक रहे हैं। पानी की कमी और सूखे की मार से लहलहाती और टमाटर लदी फसल बरबाद होनी शुरु हो गयी है। हालांकि किसानों को टमाटर का अच्छा मूल्य मिलने से उनके चेहरों पर खुशी थी लेकिन मौसमी मार ने उनके अरमानों को कुचलना शुरु कर दिया है। मानसून की देरी की भविष्यवाणी से किसानों की चिंता बढ़ी है। भाकियू समेत तमाम किसान संगठनों के नेताओं ने सरकार से गांवों को कम से कम बीस घंटे बिजली देने की मांग की है।
-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.