9 जुलाई से किसान करेंगे अनशन, पिछले पांच माह से धरने पर बैठे हैं

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किसानों का कहना है कि उनकी भाकियू के सभी गुटों के नेताओं से बात चल रही है
नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण को अधिगृहीत की जाने वाली भूमि के उचित मुआवज़े की मांग को लेकर पांच माह से धरना दे रहे किसानों की सुध कोई नहीं ले रहा। वे शासन और प्रशासन दोनों से अपनी मांग मानने की गुहार लगाए हैं लेकिन इस दिशा में कुछ भी नहीं हो रहा लिहाजा किसान अनिश्चितकालीन धरना जारी रखे हुए हैं। अब किसान 9 जुलाई से फिर अनशन करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए वे गांव-गांव जाकर जनसंपर्क कर रहे हैं। इससे पूर्व किसान भूख हड़ताल पर बैठे थे तो कई किसानों की तबियत बिगड़ गयी थी। उन्हें चिकित्सक के यहां भर्ती कराना पड़ा था। बाद में भूख हड़ताल खत्म कर किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना जारी रखा।

गांव दरियापुर बुजुर्ग से लेकर जोया के हरियाना गांव तक के दर्जनों किसानों की भूमि अधिगृहीत की जानी है। जिसके लिए भू-राजस्व विभाग के अधिकारी किसानों के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराना चाहते हैं। सरकार अपने द्वारा निर्धारित सर्किल रेट देना चाहती है जबकि किसान बाजार भाव की दर से रेट लेने की मांग कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि पिछली बार केन्द्र में आयी भाजपा सरकार 2015 में पुराने भूमि अधिग्रहण बिल को बदलकर नया बिल लाना चाहती थी लेकिन कांग्रेस समस्त विपक्ष के कड़े विरोध से भाजपा सरकार उसमें सफल नहीं हो सकी। इसके बावजूद किसानों की सुनवाई को कोई तैयार नहीं।

धरने पर मौजूद किसानों का कहना है कि उन्हें शांतिपूर्ण धरना देते छठा महीना चल रहा है फिर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही। वे अब परिवार सहित धरने पर बैठेंगे तथा जरुरत हुई तो किसान संगठनों का सहयोग लेकर सड़क जाम करेंगे। किसानों का कहना है कि उनकी भाकियू के सभी गुटों के नेताओं से बात चल रही है जिसके परिणाम जल्दी ही सामने आयेंगे। 9 जुलाई को किसान फिर अनशन करने की तैयारी कर रहे हैं। गांव-गांव जाकर संपर्क किया जा रहा है।

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.