'टीबी के प्रति जागरुक होना बेहद जरुरी है' -डॉ. उत्तम

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'किसी की एक छोटी सी सलाह दूसरे को जीवन दान दे सकती है'
प्रोजेक्ट अक्षय के तहत नारायण जन कल्याण वैलफेयर सोसाइटी संस्थापक सचिव डॉ.उत्तम सिंह प्रजापति ने अल्लीपुर भूड़ में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि टीबी एक जानलेवा खतरनाक बीमारी है किंतु शुरुआत में ही खाँसी की संभावना होने पर दो हफ्तों के अंदर ही बलगम की जांच अवश्य करा ली जाए। जब सिद्ध हो जाये कि आपको टीबी है तो उसका 6 से 8 माह डॉट्स द्वारा पूरा कोर्स कर लेना चाहिए। यदि टीबी ना हो तो बीमारी से संबंधित औषधि आप कहीं से भी ले सकते हैं लेकिन यदि बलगम की जांच में टीबी पायी जाती है तो सरकारी स्वास्थ्य केंद्र से डॉट्स निशुल्क लेने में ही भलाई है क्योंकि टीबी की दवाई प्राइवेट जगह से लेने से वह इतनी असरदार कारगर सिद्ध नहीं होती।

संस्थाकर्मी सन 2009 से प्रतिदिन टीबी जागरुकता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं और घर-घर जाकर लोगों को दो हफ्ते से ज्यादा खाँसी के बारे में जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं। टीबी के लक्षणों एवं उपचार के बारे में बता रहे हैं। डॉ. प्रजापति ने कहा कि यदि कोई दोस्त या परिचित खाँसते हुए दिखायी दे तो उन्हें भी नजदीकी अस्पताल में बलगम परीक्षण के बारे में सलाह दें। किसी की एक छोटी सी सलाह दूसरे को जीवन दान दे सकती है। इसलिए टीबी के प्रति जागरुक होना बेहद जरुरी है।
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इस अवसर पर प्रभात नागर, अंकुर नागर, मनोज कुमार गुजर, पिंटू कुमार, रितिक कुमार, सतपाल सिंह सैनी, सतपाल नागर, मदन सिंह, प्रमोद सैनी, महिपाल सिंह, महेंद्र सिंह प्रजापति, मिस्त्री चन्दर पाल, जगुआ सैनी आदि मौजूद रहे।

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.