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चिकित्साधिकारी भयंकर बीमारियों और कुछ मौतों के शोर के बाद जागते हैं. |


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विधायक राजीव तरारा कई बार बाढ़ पीड़ितों के पास पहुंचे और नाव तथा ट्रैक्टर के सहारे बाढ़ग्रस्त इलाके में जाकर बाढ़ से घिरे लोगों की समस्यायें जानीं तथा प्रशासन को सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। वे लखनऊ जाकर बाढ़ पीड़ितों के हुए नुक्सान की भरपायी के लिए शासन से मांग भी कर रहे हैं। विधायक ने डीएम तथा धनौरा के एसडीएम से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में दवाईयां, मिट्टी का तेल, गैस तथा चीनी और गल्ला जैसे जरुरी चीज़ें शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा है। इलाके में संक्रामक रोग फैलने शुरु हो गये हैं तथा पशुओं में खुरपका और गलघोंटू रोग फैलने की आशंका है। पूरे क्षेत्र में शुद्ध पेयजल का अभाव है। बाढ़ के पानी ने हैंड पंपों का जल दूषित कर दिया है। लोग मजबूरी में यही जल पी रहे हैं। डायरिया जैसी बीमारियों का खतरा उपत्पन्न हो गया है। पेचिस और हैजे जैसी बीमारियों का प्रकोप शुरु हो गया है। वायरल फीवर की चपेट में भी कई लोग आए हैं। कई गांवों में चिकित्सक नहीं पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में नहीं जाना चाहते। चिकित्साधिकारी भयंकर बीमारियों और कुछ मौतों के शोर के बाद जागते हैं। यदि वे संवेदनशील होते तो बरसात शुरु होते ही संभावित बाढ़ ग्रस्त गांवों में दवाओं और चिकित्सकों का प्रबंध करते।
-टाइम्स न्यूज़ मंडी धनौरा.