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अमरोहा में बार-बार पालिकाध्यक्ष बदलने का भी कोई लाभ नहीं हुआ, शहर अब भी समस्याओं से जूझ रहा है. |
बार-बार पालिकाध्यक्ष बदलने का भी कोई लाभ नहीं हुआ। नगर की सबसे बड़ी समस्या जलभराव का निदान नहीं हो पाता बल्कि हर बार पहले से बदतर हालात पैदा होते जाते हैं। यहां की जलनिकासी को वर्षों से करोड़ों की योजनायें बनीं, धन भी आया, काम भी हुआ, मगर 'दर्द बढ़ता ही गया, ज्यों-ज्यों दवा की’ कहावत दोहरायी जाती रही।
जिले के बड़े से बड़े नेता, बड़े-बड़े समाजसुधारक (भोंपूबाज) शायर और बुद्धिजीवी अमरोहा शहर में आबाद हैं लेकिन फिर भी शहरी बरबादी की कहानी लिखने वाली जलभराव की समस्या का निदान कोई नहीं खोज पाया। हर साल बरसात आने पर कोई मौसमी समाजसेवी एक नदी की खुदाई जरुर शुरु कराने में जुटते हैं और फिर जल्दी ही खामोश भी हो जाते हैं।
यहां सदाबहार नेता महबूब अली, चौ. चन्द्रपाल सिंह, डॉ. हरि सिंह ढिल्लों, जैन परिवार, टंडन परिवार, हकीत सिराजउद्दीन हाशमी, हरि सिंह मौर्य, चौ. जयदेव सिंह, आदि नेता और समाजसेवियों की लंबी फेहरिश्त है लेकिन आपसी तालमेल तथा खुदगर्जी उन्हें इस दिशा में आगे नहीं बढ़ने देती।
-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.