![]() |
यह मेला उत्तर भारत की जनता की श्रद्धा और विश्वास से जुड़ा है। जो पुरातन काल से आयोजित होता आ रहा है. |
जिला पंचायत प्रमुख सरिता चौधरी के पति एवं भाजपा नेता चौधरी भूपेन्द्र सिंह के मुताबिक इस बार शासन ने पिछली बार से अधिक राशि स्वीकृत की है। ऐसे में उनका पूरा प्रयास होगा कि मेले की तैयारी और व्यवस्था बेहतर हो। उन्होंने बताया कि यह मेला उत्तर भारत की जनता की श्रद्धा और विश्वास से जुड़ा है। जो पुरातन काल से आयोजित होता आ रहा है।
जरूर पढ़ें : जिला पंचायत के हाथ में रहेगी तिगरी गंगा मेले की कमान

जिला पंचायत अध्यक्ष, जिलाधिकारी, एसडीएम धनौरा तथा तहसीलदार, लेखपाल तथा जिला पंचायत के अधिकारियों ने मेला स्थल का दौरा कर बैठकों का सिलसिला शुरु कर दिया है। किसानों को तुरंत फसलें काटकर खेत खाली करने के आदेश प्रशासन ने दिए हैं। लेखपाल मौके पर निगाह बनाए हैं। कुछ किसानों ने फसलें काटनी शुरु भी कर दी हैं। मेला चार नवंबर से शुरु होगा ऐसे में 20 अक्टूबर तक मेला क्षेत्र की सभी फसलें काटकर खेती खाली किए जा सकेंगे।
अधिकांश इलाके में धान की फसले हैं तथा गन्ने के भी कई खेत हैं। गन्ना किसान के्रशर और मिल न चलने से परेशान हैं। अधिकारियों ने खेत खाली न करने वाले किसानों को चेतावनी दी है, यदि खेत खाली नहीं हुए तो उनकी फसलें जबरन काटकर गौशालाओं में भेज दी जायेंगी जिसका कोई पैसा उन्हें नहीं मिलेगा। वैसे भी अभी धान पूरी तरह पका नहीं। समय पूर्व गन्ना और धान काटने से किसानों को नुक्सान होगा। मेला आयोजकों के सामने खेत खाली कराने के अलावा कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.