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आपदा बजट में भारी कटौती, 303 करोड़ की मांग पर सिर्फ 15 करोड़ दिए. |
प्रदेश सरकार की ओर से बताया गया है कि 2017 में बाढ़ आदि से क्षतिग्रस्त सिंचाई ढांचों की पुर्नस्थापना के लिए 262 करोड़ रुपयों की मांग की गयी थी। जिसमें केवल 7.5 करोड़ रुपये ही मिले। इसी साल क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत को 192 करोड़ रुपयों की मांग की गयी जबकि मिले मात्र 23 करोड़। 2018 में सड़कों, पुलों और सिंचाई साधनों के नुकसान की भरपायी को 303 करोड़ की मांग की गयी लेकिन केन्द्र ने मात्र 15 करोड देकर पल्ला झाड़ लिया।
इस बार राज्य ने केन्द्र सरकार को दैवी आपदाओं से हुई क्षतिपूर्ति के लिए 842 करोड़ 53 लाख का मेमोरंडम भेजा है। केन्द्रीय दल से योगी सरकार ने शीघ्र धनराशि जारी कराने की मांग की है। मजेदार बात यह है कि केन्द्र से भेजी टीम ने केवल आठ जिलों में हुई आपदा का आकलन किया है। शेष जनपदों से उसका कोई सरोकार नहीं। ये सभी जिले बनारस के आसपास और बुन्देलखंड के हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम से आग्रह किया है कि कृषि क्षति आकलन का पैमाना बदला जाना चाहिए। क्षति का पैमाना 33 फीसदी के बजाय 20 फीसदी होना चाहिए। अभी तक नियम है कि 33 फीसदी से कम क्षति पर बीमा लाभ नहीं मिलता।
-टाइम्स न्यूज़ लखनऊ.