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सांस से संबंधित बीमारियों के मरीज़ भारी संख्या में अस्पताल पहुंच रहे हैं. |
चिकित्सकों का साफ तौर पर कहना है कि जिले की हवा पहले से जहरीली हो गयी है। सांस लेने में लोगों को दिक्कतें आ रही हैं। सांस से संबंधित बीमारियों के मरीज़ भारी संख्या में अस्पताल पहुंच रहे हैं। खांसी, जुकाम आदि के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। कहा जा रहा है कि यह संख्या पिछले साल के मुकाबले अधिक है। यानी इस साल पहले से अधिक हवा दूषित हो चुकी है। शरीर पर एलर्जी, आंखों की समस्या, पेट की समस्या, आदि से लोग परेशान हैं।
प्रदूषण का सबसे ज्यादा खतरा फेफड़ों पर हो रहा है। इस वजह से सांस, दमा आदि के मरीज़ बढ़ रहे हैं। यदि सुरक्षा उपाय न किए गये तो यह घातक हो सकता है। साथ ही दिल की बीमारियां भी बढ़ रही हैं। इन सबका कारण दूषित हवा में सांस लेना है।
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बुजुर्गों पर प्रदूषण का सबसे घातक असर हो रहा है। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले ही कम है, इसलिए दूषित हवा में सांस लेने के कारण उनके फेफड़े आदि पर प्रदूषण का गंभीर असर हो रहा है। खांसी, आंखों की दिक्कतें आदि से उम्रदराज दुखी हैं। साथ ही दिल की समस्याओं ने भी उन्हें घेर रखा है।
चिकित्सकों का मानना है कि जागरुकता से काफी हद तक दूषित हवा से बचाव किया जा सकता है। मास्क आदि का उपयोग कर बचाव हो सकता है। इससे सांस लेने पर दूषित हवा से होने वाले नुकसान से खुद को बचाया जा सकता है। हालांकि यह पूरी तरह कारगर नहीं, मगर काफी हद तक समस्या को दूर किया जा सकता है। साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियां, पौष्टिक आहार और नियमित व्यायाम से शरीर को प्रदूषण के खिलाफ तैयार किया जा सकता है।
-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा़.