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कंपनी के मुताबिक उत्पादन बढ़ने पर वितरण मात्रा बढ़ायी जायेगी जिसके लिए प्रक्रिया जारी है. |
दीक्षित के मुताबिक फिलहाल आइपीए से सेनिटाइज़र तैयार किया जा रहा है जिस पर तकरीबन छह सौ रुपये प्रति लीटर खर्च बैठता है। उन्होंने बताया कि एल्कोहल से काफी कम खर्च में यह तैयार किया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने कागजी कार्रवाई शुरु की है। उसमें समय लग रहा है। स्वीकृति यानी लाइसेंस मिलते ही वे सस्ता सेनिटाइज़र तैयार कर सकेंगे। तब तक आइपीए से तैयार सेनिटाइज़र शासन की मदद और लोगों की सेवा में निशुल्क देते रहेंगे।

जुबिलेंट की इस सेवा की लोगों ने सराहना की है। यहां की दूसरी सबसे विशाल औद्योगिक इकाई टेवा एपीआई ने इस दिशा में अभी हाथ आगे नहीं बढ़ाये हैं। जबकि वह इस इकाई से भारी भरकम मुनाफा कमा रही है। उसके उत्पाद अमेरिका तक जा रहे हैं। टेवा इज़राइल की कंपनी है। जहां विदेशी व्यवसायी बराबर आते-जाते हैं। कोरोना संक्रमण में विदेशी आगंतुकों की ही भूमिका है। टेवा को सबसे पहले कोरोना के खिलाफ मुहिम में भाग लेना चाहिए था। स्थानीय जनमानस में इससे नाराजगी है।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.