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जुबिलेंट में जल्द ही उत्पादन शुरु होने के आसार, कंपनी तैयार करती है कच्चा माल. |
देश में कोरोना संक्रमण संदिग्धों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। जिसपर काबू के लिए बहुस्तरीय कोशिशें जारी हैं। इसमें सरकार, प्रशासन तमाम कर्मचारी और आम आदमी तक संलग्न हैं। स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े तमाम लोग रात-दिन कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं। सैनिटाइज़र इस लड़ाई का एक प्रमुख औज़ार है। लगातार बढ़ रही मांग के कारण उसका उत्पादन बढ़ाने की जरुरत है। ऐसे में जिला प्रमुख और जुबिलेंट के प्रयास से गजरौला में उत्पादन होना अच्छी पहल है। बताया गया है कि प्रतिदिन ढाई सौ लीटर सैनिटाइज़र उत्पादन की तैयारी है।
जुबिलेंट के जनसंपर्क महाप्रबंधक सुनील दीक्षित के मुताबिक डीएम की पहल पर औषधि विभाग से एक ही दिन में लाइसेंस मिल गया। अभी कई स्वीकृतियां जरुरी हैं जिसके लिए कार्रवाई की गई है। जल्दी ही सभी जरुरी औपचारिकतायें पूरी हो जायेंगी। उसके बाद ही उत्पादन शुरु किया जा सकेगा। 23 मार्च तक संपूर्ण स्वीकृति उपलब्ध नहीं हो सकी। इसी कारण सैनिटाइज़र उत्पादन शुरु नहीं हो सका।
जुबिलेंट को सेनेटाइज़र उत्पादन के लिए मुख्य वजह यहां पहले ही उसके निर्माण घटक बनाये जाना है। सुनील दीक्षित के मुताबिक जुबिलेंट में बड़े पैमाने पर एल्कोहल का उत्पादन किया जाता है जिससे यहां निर्मित लगभग सभी दवा-उत्पादों में एल्कोहल ही है। ऐसे में सैनिटाइज़र निर्माण में किसी अलग तरह के प्लांट अथवा मशीनरी की जरुरत नहीं। मामूली तैयारी पर इसका उत्पादन शुरु हो जाएगा। प्रथम चरण में प्रतिदिन ढाई सौ लीटर सैनिटाइज़र तैयार किया जायेगा।
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जुबिलेंट दवा क्षेत्र की विश्व स्तरीय इकाई है जहां से दुनियाभर के अनेक देशों में दवाईयां बनाने के लिए तैयार रॉ मैटीरियल भेजा जाता है। सैनिटाइज़र का उत्पादन यहां शुरु होने से देश की जरुरत आसानी से पूरी होगी। कोरोना की रोकथाम में इससे काफी मदद मिलेगी। जुबिलेंट की उत्पादन क्षमता जरुरत के मुताबिक बढ़ाई जा सकती है। ऐसे में पूरे देश में सैनिटाइज़र की कमी नहीं हो पाएगी।
जुबिलेंट और टेवा में बंदी नहीं
कंपनियों में वायरस संक्रमण से बचाव के पुख्ता इंतज़ाम हैं
जहां पूरे देश में कोरोना वायरस को लेकर लोग घरों में छुपने को मजबूर हैं वहीं यहां की दोनों सबसे बड़ी औद्योगिक इकाईयों के कामगारों को काम पर आना पड़ रहा है। दोनों इकाईयों के प्रबंधकों का कहना है कि वे दवा निर्माता कंपनियां हैं जहां जीवन रक्षक दवाओं का कच्चा माल तैयार किया जाता है। जिसमें से कुछ ऐसा माल है जिससे सीधे टेबलेट आदि बनाकर सप्लाई कर दिया जाता है। ऐसे में यहां काम बंद नहीं किया गया। वायरस संक्रमण के फैलाव के समय तो यह बिल्कुल संभव नहीं। प्रशासनिक स्टाफ से लेकर तकनीकी वर्ग तक सभी की सेवाओं में यथावत उपस्थिति जारी है। वैसे वायरस संक्रमण से बचाव के तमाम उपाय किए गये हैं।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.