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राशन, सब्जी और कई जरुरी सामानों के बैग प्रति व्यक्ति और महिलाओं को प्रदान किए. |
नगर के कई जरुरतमंद परिवारों से उन्हें पता चला कि लॉकडाउन के चलते उनके घरों में राशन तथा खाने की सभी चीज़ों की किल्लत हो गई है। काम बंद होने से उनके सामने यह संकट और भी गहराया है। हालात को समझते हुए डॉ. जिन्दल ने सभी की सहायता का संकल्प लिया तथा राशन, सब्जी और कई जरुरी सामानों के दो-दो बैग प्रति व्यक्ति और महिलाओं को प्रदान किए।

डॉ. जिन्दल ने कहा कि समाज के सभी संपन्न और सक्षम लोगों से मेरा अनुरोध है कि अपने पड़ौस और मोहल्ले, गांव आदि में यह जानकारी रखें कि संकटग्रस्त इस समय में कोई भी भोजन, वस्त्र आदि जरुरत से वंचित न रहे। हमें मिलजुलकर अपने सामाजिक दायित्व का निवर्हन करना चाहिए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे अपने इस दायित्व का बराबर निवर्हन करते रहेंगे।
डॉ. जिन्दल ने क्षेत्र के सभी ग्राम प्रधानों को अपना मोबाइल नंबर देकर कहा कि किसी जरुरतमंद को राशन अथवा दवाई आदि की जरुरत हो तो उनके पास भेज दें। वे हर समय सेवा के तत्पर मिलेंगे। उनके हॉस्पिटल पर गरीबों को मु्फ्त दवायें दी जा रही हैं। वे गरीबों को प्रति परिवार 10 किलोग्राम आटा, 5 किलोग्राम चीनी, 2 किलोग्राम चावल, एक बोतल खाद्य तेल, 2 किलोग्राम दाल, दस पैकेट बिस्कुट, 1 किलोग्राम नमक तथा जरुरी मसाले प्रदान कर रहे हैं।

डॉ. जिन्दल का पूरा परिवार जुटा समाजसेवा में
डॉ. बीएस जिन्दल के दोनों बेटे डॉ. कृष्ण्देव जिन्दल और डॉ. दिलबाग जिन्दल तथा दोनों पुत्रवधुएं डॉ. तान्या जिन्दल व डॉ. राधा जिन्दल भी उन्हीं की तरह समाजसेवा में जुटे हैं।
देहरादून में उनके बेटे कृष्णदेव जिन्दल और पुत्रवधु का अस्पताल है। वहां से वे लॉकडाउन के जारी होते ही नगर के बेकार हुए मजदूरों के लिए भोजन के पैकेट प्रतिदिन तैयार कराकर बांट रहे हैं। कई गरीबों को निशुल्क दवायें भी दे रहे हैं।

दूसरी ओर अपने वतन से दूर पोलैंड में सेवारत डॉ. बीएस जिन्दल के दूसरे पुत्र डॉ. दिलबाग जिन्दल और डॉ. राधा जिन्दल ने श्रीश्री रविशंकर के एनजीओ को संकटग्रस्त स्वदेश के लिए बीस-बीस हजार रुपयों की राशि प्रदान की है तथा आगे भी सहायता का संकल्प लिया है।
दोनों बेटों और पुत्रवधुओं पर डॉ. बीएस जिन्दल की समाजसेवा की पूरी छाप है। यही वजह है कि अपने करियर के प्रथम पायदान पर कदम रखते ही वे अपने पिता के आदर्शों पर चल निकले हैं।
डॉ. जिन्दल ने शुक्रतीर्थ पर मुफ्त नाश्ता शुरु कराया
जिन्दल हॉस्पिटल के संचालक डॉ. बीएस जिन्दल केवल धनौरा नगर और निकटवर्ती ग्रामांचलों में ही निशुल्क सेवा कर रहे हैं बल्कि प्रदेश से बाहर भगवान शुक्राचार्य की तपोस्थली शुक्रतीर्थ पर भी संतों तथा श्रद्धलुओं की सेवा में पूरा सहयोग कर रहे हैं। वे कई वर्ष से वहां भंडारे आदि के लिए सहयोग प्रदान करते आ रहे हैं।
लॉकडाउन जारी होते हुए आसन्न भोजनादि के संकट आदि की आशंका के चलते उन्होंने अपने पास से वहां मौजूद संत महात्माओं समेत तीन सौ लोगों के लिए प्रतिदिन सुबह के नाश्ते का खर्च वहन किया है। उन्होंने चाय पकौड़ों का खर्च वहन किया है तथा जब तक जरुरी हो उसे जारी रखेंगे।
तीर्थ गद्दी के स्वामी उमानन्द जी ने डॉ. जिन्दल के न चाहते हुए भी उनकी सेवाओं से अभिभूत हो 2019 में ही उन्हें धर्माधिकारी की पदवी से सम्मानित किया।
~टाइम्स न्यूज़ मंडी धनौरा (अमरोहा).