डॉक्टरों को पत्थर मारने वाले इंसानियत के दुश्मन

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चिकित्सक जिस शिद्दत से अपना काम कर रहे हैं, उसके लिए उन्हें दिल से शुक्रिया कहना चाहिए.
चिकित्सक भगवान का रुप होते हैं। उन्हें खुदा की तरह माना जाता है। जिनपर फूल बरसाने चाहिएं और जिनका हमें शुक्रगुज़ार होना चाहिए, उनपर लोग फूलों की जगह पत्थर क्यों फेंक रहे हैं?

चंद लोग ऐसा करके समाज के दुश्मन बन बैठे हैं। उन्हें न अपनी, न अपने परिवार की जान की फिक्र है। डॉक्टरों को पत्थर मारने वाले लोग इंसानियत के दुश्मन हैं।

आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खौफ से बेचैन है। लोग डरे हुए हैं, सहमे हुए हैं। वायरस ने दुनिया की महान शक्तियों को धराशायी कर दिया है। ऐसे विकट समय में डॉक्टर, पुलिस, सफाईकर्मी, मिडिया से जुड़े लोग अपनी जान जोखिम में डालकर अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं। लोग घरों में हैं, तो ये निस्वार्थ भाव से दिन-रात जुटे हुए हैं।

चिकित्सक कोरोना के मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं। उन्हें अपनी फिक्र नहीं, अपने परिवार से दूर रहकर वे हर पल मरीज़ों के स्वास्थ्य के लिए कार्य कर रहे हैं। ऐसे में कुछ लोग ​इनपर हमले कर रहे हैं। इनके साथ अभद्रता कर रहे हैं। यह गलत है। यह अमानवीय है।

इस नाजुक दौर में चिकित्सक जिस शिद्दत से अपना काम कर रहे हैं, उसके लिए उन्हें दिल से शुक्रिया कहना चाहिए। जो लोग उन्हें क्षति पहुंचा रहे हैं, उनका बहिष्कार किया जाना चाहिए।

-शरीफ अख्तर शिक्षक.
(ये लेखक के अपने विचार हैं).