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लोग एक-दूसरे से सवाल कर रहे हैं कि ग्रीन जोन में मोहल्लों को सील करने का क्या औचित्य है? |
यहां तीनों कोरोना संक्रमित स्वस्थ होकर, साथ क्वारंटीन अवधि पूरी कर सप्ताह भर से पूर्व यहां रह रहे हैं। इसके अलावा यहां कोई भी संक्रमण का मामला नहीं मिला। नगर और उसके निकटवर्ती कई गांवों में प्रशासन ने सघन जांच का दावा करते हुए कहा था कि कहीं भी संक्रमण नहीं पाया गया।

कहने को प्रशासन संतुष्ट है कि नगर कोरोना से फिलहाल मुक्त है, ऐसे में रेड जोन से इसे ग्रीन जोन में बदल दिया गया। फिर भी प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। अभी तक लक्ष्मी नगर, विजय नगर, कवि नगर, फाजलपुर, सुल्तान नगर तथा कई मोहल्लों के सील किए रास्ते नहीं खोले गये। लोग बार-बार मांग कर रहे हैं और एक-दूसरे से सवाल कर रहे हैं कि ग्रीन जोन में मोहल्लों को सील करने का क्या औचित्य है? उधर नगर के तमाम दुकानदार कारोबार ठप्प होने से परेशान हैं तथा अपने नेताओं के जरिए प्रशासन से जल्द बाजार खुलवाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि गजरौला में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का लोग पालन करेंगे।



जब सभी दुकानें पूरी दिन खुलेंगी, तो ग्राहक हड़बड़ी नहीं करेंगे तथा आराम से बिना भीड़ के जब चाहेंगे, जहां से चाहेंगे सामान ले सकेंगे। इससे भीड़ नहीं होगी। भीड़ तो तब लगती है जब कम दुकानें, कम समय खुलेंगे।
सुरा प्रेमियों का भी कहना है कि देशभर में शराब पर पाबंदी हट गयी है। दिल्ली समेत कई राज्यों में तो रेड-जोन में भी शराब की दुकानें खुली हैं। उन्होंने प्रशासन से सवाल किया है कि यहां ग्रीन जोन में शराब की दुकानों पर पाबंदी क्यों?
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला (अमरोहा).