
नौगांवा से विधायक रहे चेतन चौहान के निधन से रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव की तैयारी में अंदरखाने उम्मीदवारी की जोड़तोड़ शुरु हो गई है। लगभग डेढ़ साल के लिए विधायक बनने की इच्छा रखने वाले सपा, भाजपा और बसपा के नेता अपनी-अपनी हाइकमान के तेवर मापने में जुट गये हैं। सपा-रालोद गठबंधन के कारण अभी यह पता नहीं चल पा रहा कि सीट किसके खाते में जाएगी? पिछले चुनाव यानी 2017 में यहां से सपा उम्मीदवार मौलाना जावेद आब्दी, भाजपा के विजयी उम्मीदवार स्व. चेतन चौहान को मिले 97030 वोट के मुकाबले, 76382 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि रालोद के अशफाक अली 14597 मतों के साथ चौथे स्थान पर थे। ऐसे में सपा इस सीट पर अपना दावा ठोक रही है। फिर भी इस पर कुछ कहना जल्दबाज़ी होगा। भाकियू और चौ. चरण सिंह का गढ़ माना जाने वाला यह इलाका अब बदल चुका है।
2017 के चुनाव में बसपा के उम्मीदवार जयदेव सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे। उन्हें 40172 मत मिले थे। इस बार भी पार्टी की ओर से उन्हें मैदान में उतारा जाने की उम्मीद है। जिलाध्यक्ष डॉ. होरी सिंह का कहना है कि बहिनजी ने उनसे जातिवार मतदाताओं की सूची मांगी थी जो भेज दी गई है। चुनाव की तैयारी है। हाइकमान जल्द ही उम्मीदवार का नाम घोषित करेगी, सभी कार्यकर्ता जोर-शोर से चुनाव लड़ायेंगे।
कई बसपा नेताओं ने जयदेव सिंह को मजबूत उम्मीदवार बताया है और कहा है कि उन्हें टिकट मिलने जा रहा है। प्रचार कार्यक्रमों की शुरुआत से पता चलता है कि जयदेव को इशारा मिल चुका, घोषणा बाकी है।
भाजपा में कई ऐसे कार्यकर्ता स्व. चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान का नाम उछाल रहे हैं जो उनके निधन के बाद स्वयं को असहाय मान चुके। पार्टी का कोई भी कद्दावर नेता इस मामले में मुंह खोलने को तैयार नहीं। चेतन चौहान की आरष्टि के मौके पर संगीता चौहान से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे हाइकमान पर छोड़ दिया। कई भाजपा नेताओं का कहना है कि भाजपा परिवारवाद की पक्षधर नहीं है। ऐसे में सगीता चौहान की उम्मीदवारी की कामना निर्मूल है।
2012 में बनी नौगांवा सादात सीट पर पहले चुनाव में अशफाक अली खां ने सपा को विजय दिलाई। उन्हें उस समय 55430 वोट मिले। जबकि बसपा के राहुल चौहान 51576 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे। रालोद की अंशु नागपाल 36885 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। उस समय भाजपा के युद्धवीर सिंह केवल 14796 मतों के साथ पांचवे स्थान पर रहे जबकि महान दल के महमूद अली भूरे उनसे अधिक यानी 32147 मतों के साथ चौथे नम्बर पर आए।
अब तक 2012 और 2017 के चुनावों में पहली बार सपा जबकि दूसरी बार भाजपा विजेता रही। इसमें बड़े बदलाव के साथ 2012 के पांचवे स्थान से 2017 में वह पहले स्थान पर पहुंच गयी। बसपा दूसरे से तीसरे स्थान पर और रालोद तीसरे से चौथे स्थान पर खिसक गया।
यह देखना दिलचस्प रहेगा कि इस बार बाज़ी किसके हाथ होगी? मौजूदा हालात और उम्मीदवारों का चयन परिणामों की झलक पेश करेगा।
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-टाइम्स न्यूज़ नौगांवा सादात.