अमरोहा जिले में कई जगह किसानों का प्रदर्शन, दिल्ली की ओर कूच जारी

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भले ही यहां आज कई गुट हो गये हैं लेकिन ताजा आंदोलन में संघर्ष के लिए वे एकजुट हैं.

किसान आंदोलनों का प्रमुख केन्द्र रहा अमरोहा जनपद से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली सीमा पर डटे किसानों के बीच पहुंचे हैं। भाकियू असली, भाकियू अराजनैतिक, भाकियू भानु और भाकिमंस नामक किसान संगठनों के नेतृत्व में आंदोलन शुरु होते ही पंचायतें करके दिल्ली की ओर यहां से कई दिन तक ट्रैक्टर, ट्रालियों और दूसरे वाहनों से धरना स्थल के लिए हजारों किसान कूच कर गये।

महेन्द्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में जब भाकियू आंदोलन जोर पर था, उस समय जिले में रजबपुर में किसान और पुलिस प्रशासन में जबर्दस्त टकराव हुआ था जिसमें पांच किसानों की पुलिस की गोली से मौत हो गयी थी। कई जगह रेल पटरियों को भी उखाड़ा गया था। भारी संख्या में यहां के किसानों को जेलों में बंद किया गया। आखिर सरकार और किसानों में समझौते से ही मामला शां​त हुआ। यह मामला 1988 से 2000 तक गरमाया रहा।

उसके बाद जो भी किसान आंदोलन हुआ उसका केन्द्र रजबपुर को ही बनाया जाता रहा। टिकैत की भाकियू ने यहां के विजयपाल सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया, भाकियू भानु गुट ने भी यहां के दिवाकर सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया, भाकिमंस के नेता वीएम सिंह की कार्यकारिणी में भी यहीं के उपेन्द्र सिंह और जोरावर सिंह को मुख्य भूमिका में रखा गया। उधर संभल के बिलारी निवासी हरपाल​ सिंह की भाकियू असली भी अपनी अधिकांश पंचायतें रजबपुर में ही रखती है।

किसान आंदोलनों में प्रमुख भूमिका निभाने वाले इस जनपद से राष्ट्रीय स्तर के किसान आंदोलन में दिल्ली के लिए कूच करने वालों की अच्छी तादाद होना स्वाभाविक है। भले ही यहां आज कई गुट हो गये हैं लेकिन ताजा आंदोलन में संघर्ष के लिए वे एकजुट हैं। हालांकि किसानों का समर्थन अपने-अपने पक्ष में जुटाने को इन सभी संगठनों में होड़ लगी रहती है।

केन्द्र सरकार द्वारा लाये गये नये कृषि कानूनों की पेचीदगी को ये सभी समझ रहे हैं। इन्हें सभी संगठन किसानों के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं। ऐसे में इन्हें एकजुट होना पड़ा है। यहां किसानों की आजीविका की सुरक्षा का सवाल जो है। चौ. विजयपाल सिंह, चौ. हरपाल सिंह, चौ. उपेन्द्र सिंह, चौ. दिवाकर सिंह आदि सभी किसान नेता किसानों को साथ लेकर आंदोलन को सफल बनाने और कृषि बिल रद्द कराने की कोशिश में जुट गये हैं। यहां गजरौला, रजबपुर तथा धनौरा में सड़कों पर किसानों का जोरदार धरना और प्रदर्शन उनकी शक्ति और इरादों को स्पष्ट करता है।

-टाइम्स न्यूज़़ गजरौला.

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