चुनावी कार्यक्रम घोषित होते ही जनवरी का महीना चुनावी गर्मी का ताप बढ़ाना शुरू करेगा.
पंचायत चुनावों की आहट और चालू पंचायतों के कार्यकाल के संपन्न होने के साथ ही भावी उम्मीदवार अपनी रणनीति बनाने में संलग्न हो गये हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मार्च के प्रारंभ में हो सकते हैं। जिला पंचायत के लिए कई लोग सक्रिय हो गए हैं और जनसंपर्क में जुट गए हैं। वार्ड नंबर 9 में दीपक भड़ाना जनसंपर्क में जुटे हैं। गुर्जर बाहुल्य इस वार्ड में जीतने के लिए उन्होंने भाजपा के पूर्व सांसद कंवर सिंह तंवर का आशीर्वाद प्राप्त कर लिया है। ऐसे में वे भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव की तैयारी में जुटे हैं।
दीपक के साथ पढ़े-लिखे नव युवकों की जबरदस्त टीम है जिसे लेकर वे अभी से गांव-गांव जनसंपर्क में जुट गए हैं। पिछली बार यहां से जीता उम्मीदवार भी गुर्जर समुदाय से ही था लेकिन वह बसपा प्रत्याशी था। यहां के दलित मतदाताओं का समर्थन उसे विजयी बनाने की वजह बना था। वह इस बार भी मैदान में आएगा। कई उम्मीदवार और भी मैदान में थे।
पिछली बार वार्ड 13 में पराजित उम्मीदवार कामेंद्र सिंह इस बार वार्ड नंबर 11 से उम्मीदवारी का दावा कर रहे हैं। उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। यह सीट जाट बाहुल्य है। यहां से कई जाट उम्मीदवार मैदान में उतर सकते हैं। मुस्लिम और जाटव मत निर्णायक रहते हैं। ऐसे में यहां इन वर्गों से भी कई उम्मीदवार मैदान में होंगे।
पिछली बार वार्ड 11 से कई जाट उम्मीदवार मैदान में थे। जिनमें कामेंद्र सिंह भी थे। चुनाव के नजदीक यह वार्ड आरक्षित कर एससी वर्ग के खाते में चला गया। जिससे कामेंद्र सिंह को यहां चुनाव लड़ने का इरादा बदलना पड़ा। यही नहीं यहां से चुनाव लड़ने वाले वीरेंद्र सिंह, निरंजन सिंह तथा जाफर मलिक को भी मैदान से हटना पड़ा। इनमें से जाफर मलिक, निरंजन सिंह तथा कामेंद्र सिंह वार्ड 13 से मैदान में उतर पड़े। जल्दबाजी तथा तैयारी में कम समय की वजह से तीनों ही पराजित हुए।
अभी चुनावी कार्यक्रम जारी नहीं हुआ लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नए साल की शुरुआत में किसी समय चुनावी कार्यक्रम बनाया जा सकता है। ऐसे में जनवरी का महीना चुनावी गर्मी का ताप बढ़ाना शुरू करेगा। फ़िलहाल पंचायती चुनावों के लड़ाकू-विमान मूंछों पर ताव देकर उड़ान की तैयारी में संलग्न हैं।
ग्राम प्रधानी के उम्मीदवार भी माहौल का अध्यान करने में जुट गए हैं। गुटबंदी और जातीय समीकरणों का अध्ययन चल पड़ा है।