एसडीएम विजयवर्धन तोमर का कहना है कि इसपर अधिकारियों से चर्चा की जाएगी और समाधान के लिए प्रयास किये जायेंगे.
बन्दरों का उत्पात बढ़ता जा रहा है। बंदरों द्वारा लोगों पर आयेदिन हमले किये जा रहे हैं। हाल में गढ़मुक्तेश्वर के सालौनी गाँव में बंदरों के झुंड ने एक मासूम की जान ले ली। इससे कुछ दिन पहले श्यामनगर में एक बच्ची बंदरों से डर कर गिर गयी थी। उसके पैर की हड्डी टूट गयी थी। लोगों ने प्रशासन से बन्दरों से निजात दिलाने की मांग की है। वहीं एसडीएम विजयवर्धन तोमर का कहना है कि इसपर अधिकारियों से चर्चा की जाएगी और समाधान के लिए प्रयास किये जायेंगे।
गढ़ में बंदरों का आतंक इतना ज्यादा है कि यहाँ राहगीरों को निकलने में समस्या का सामना करना पड़ता है। यदि आपके हाथ में कोई थैला या वस्तु है, तो यह उत्पाती जानवर उसे छीनने की कोशिश करते हैं। विरोध करने पर हमला करने से बाज नहीं आते। इस वजह से लोगों को सड़क या गली-मोहल्लों से निकलने के लिए मुश्किल होती है। महिलाओं और बच्चों पर बंदर आसानी से हमला करते हैं।
यहाँ तक कि बन्दरों के झुंड घरों में भी घुस जाते हैं। जो सामान हाथ आया उसे उठाकर ले जाते हैं। इसी दौरान विरोध करने पर लोगों को काट लेते हैं या मिलकर हमला बोल देते हैं। स्थानीय लोगों के घायल होने की घटनाएं आयेदिन आती रहती हैं।
गढ़मुक्तेश्वर के सालौनी गांव निवासी मांगेराम के 9 साल के बेटे दीपांशु ने घर में घुसे बन्दरों के झुंड को भगाने की कोशिश की तो बन्दरों ने उसपर हमला कर दिया। डर कर वह पीछे हटा तो उसका पैर फिसल गया और वह छत से नीचे गिर गया। गंभीर घायल अवस्था में परिजन उसे निजि चिकित्सक के पास ले गए जिसने उसे मृत घोषित कर दिया।
10 जनवरी को हापुड़ के श्यामनगर में मनोज की पुत्री खुश्बू पर भी बन्दरों के झुंड ने हमला किया था। बचने के चक्कर में वह गिर गयी जिससे उसके पैर की हड्डी टूट गयी।
जिले में शहर से लेकर गांव तक बन्दरों का उत्पात जारी है। लोग इनसे बहुत परेशान हैं और मांग कर रहे हैं कि इन्हें यहाँ से भगाया जाए।
-टाइम्स न्यूज़ हापुड़.