ब्लॉक प्रमुख पद के लिए वीरेन्द्र सिंह सशक्त उम्मीदवार, अब जिला पंचायत का नहीं लड़ेंगे चुनाव

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वीरेन्द्र सिंह 2015 में ब्लॉक में सबसे अधिक अंतर से बीडीसी चुनाव जीते थे.

भाजपा के जिला उपाध्यक्ष इस बार ब्लॉक प्रमुख पद की तैयारी में जुट गये हैं। उन्हें पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनाने की सहमति बन गयी है। वे 2015 में भी सबसे मजबूत उम्मीदवार थे। उन्हें सूबे में सपा सरकार की वजह से मतदान स्थल तक जाने से पहले ही पुलिस ने घेराबंदी कर उनके साथियों को भी मतदान से वंचित कर सपा के मुमताज अली भुट्टो को अल्पमत के बावजूद ब्लॉक प्रमुख को विजयी घोषित कराने में अपनी भूमिका निभाई थी। बाद में सूबे में भाजपा की सरकार आने पर भुट्टो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर तत्कालीन कैबीनेट मंत्री चेतन चौहान ने बीडीसी के उपचुनाव में जीत दिलाकर धर्मेन्द्र सिंह लालू को ब्लॉक प्रमुख बनवाया। उस समय भी वीरेन्द्र सिंह के साथ भारी बहुमत था।

चेतन चौहान ने वीरेन्द्र सिंह से लालू के लिए मैदान छोड़ने का आग्रह किया तथा वचन दिया था कि वे अल्पकालिक प्रमुख बनने के बजाय अगली बार भाजपा की ओर से प्रमुख बनाये जायेंगे। वीरेन्द्र सिंह के हाथ खींचने से लालू को शेष समय के लिए पद मिला। उस समय वीरेन्द्र सिंह की सहृदयता की प्रशंसा सभी भाजपाइयों ने की थी। इस बार ये सभी लोग उन्हें उम्मीदवार बनाने के पक्ष में हैं। बताया जाता है कि चेतन चौहान के वचन से भाजपा विधायक और उनकी पत्नी संगीता चौहान पूरी तरह अवगत हैं। क्षेत्रीय भाजपा नेता भी जानते हैं कि वीरेन्द्र सिंह बहुत ही सशक्त उम्मीदवार उनके पास हैं तो दूसरे किसी नाम की जरुरत नहीं।

इधर वीरेन्द्र सिंह पूरे दम खम और मजबूत रणनीति के जरिए तैयारी में जुट गये हैं। उन्होंने जिला पंचायत के चुनाव लड़ने से इंकार किया है। वे 2015 में ब्लॉक में सबसे अधिक अंतर से बीडीसी चुनाव जीते थे। यह भी उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है।

~टाइम्स न्यूज़ गजरौला.