कोरोना की रफ्तार गत वर्ष से तेज, लोगों की चिंता बढ़ी

कोरोना-की-रफ्तार

त्योहारों, गंगा स्नान, बाजारों तथा सड़कों आदि पर बिना मास्क लगाये घूमने वालों की बड़ी तादाद है.

देश में कोरोना का कोप एक बार फिर से तेजी पकड़ रहा है। विशेषज्ञ इसे पिछली बार से 300 प्रतिशत तेज मान रहे हैं। इस बार यह बदलाव भी है कि हमारे पास कोविड-19 के लिए दो वैक्सीन हैं लेकिन वैक्सीनेशन की रफ्तार बहुत धीमी है। साथ ही उसका असर आठ माह बताया जा रहा है। यदि ऐसा है तो जब तक सबको वैक्सीन लग भी नहीं सकेगी तब तक बहुत से लोगों को फिर से टीकों की जरुरत पड़ जायेगी। कई जगह से खबरें हैं कि दोनों डोज लेने वाले कई लोगों को भी संक्रमण हो गया। इसमें कई चिकित्सकों के भी नाम सामने आए हैं।

हालांकि चिकित्सा विशेषज्ञों और सरकार की ओर से लोगों को बार-बार वैक्सीन को सुरक्षित और कारगर बताया जा रहा है। फिर भी कई राज्यों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि लोग अपेक्षित संख्या में वैक्सीन लगाने को आगे नहीं आ रहे ऐसे में बहुत बड़ी संख्या में खुराक मृत होने से नष्ट करनी पड़ी हैं। वैसे जिस गति से वैक्सीनेशन चलाया जा रहा है, उससे दोनों डोज सभी लोगों को लगाने में कई साल लग जायेंगे। जबकि कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। सोमवार को 24 घंटे में देश में संक्रमितों की संख्या 62 हजार को पार कर गयी। यह रफ्तार गत वर्ष से कहीं अधिक तेज है। महाराष्ट्र में कुल देश के मरीजों से आधे से भी ज्यादा मरीज हैं। यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। देश के दूसरे राज्यों में भी महामारी तेजी से पैर पसार रही है।

कुछ शहरी क्षेत्रों को छोड़ दें तो लोग बेहद लापरवाह नजर आ रहे हैं। त्योहारों, गंगा स्नान, बाजारों तथा सड़कों आदि पर बिना मास्क लगाये घूमने वालों की बड़ी तादाद है। विवाह समारोहों में भारी भीड़ में लोग एक दूसरे से सटकर खा-पी रहे हैं तथा चल फिर और उठ-बैठ रहे हैं। सबसे अधिक जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं। पंचायत चुनाव में लोग भीड़ में मास्क भी नहीं लगा रहे।

बंगाल, असम तथा तीन दक्षिणी राज्यों में जारी विधानसभा चुनावों में सीएम से लेकर पीएम तक की सभाओं में भीड़ इकट्ठी हो रही है। वैसे कोरोना के खौफ से बहुत से लोग बाहर निकलने से डरने भी लगे हैं। इस बार कई अभिनेता और नेता फिर से कोरोना की चपेट में आने लगे हैं। हम सभी को इस समय बहुत सतर्कता की जरुरत है। चिकित्सकों और विशेषज्ञों की सलाह न मानना खतरनाक हो सकता है।

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.