पांच वार्डों में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर, पांचों महिलायें चुनावी घमासान में

पूर्व-जिला-पंचायत-अध्यक्षों-की-प्रतिष्ठा
जिला पंचायत के कुल 27 वार्डों में पांच वार्ड ज्यादा महत्वपूर्ण हैं.

जिला पंचायत चुनावों में पांच पूर्व जिला पंचायत प्रमुखों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इनमें से तीन जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी के रुप में चुनावी मैदान में हैं जबकि एक के पति और एक की पुत्रवधु मैदान में हैं। सभी पूर्व जिला पंचायत प्रमुख महिलायें हैं।

सकीना बेगम वार्ड तीन, कमलेश आर्य वार्ड 9 तथा रेनु चौधरी वार्ड 14 से किस्मत आजमा रही हैं। जिला पंचायत की सबसे पहली अध्यक्ष इंदिरावती अपनी पुत्रवधु मीनाक्षी चौधरी और जिला पंचायत की निवर्तमान अध्यक्ष सरिता चौधरी अपने पति चौ. भूपेन्द्र सिंह को क्रमश: वार्ड 11 और वार्ड 10 से चुनाव लड़ा रही हैं।

सकीना बेगम दिग्गज सपा नेता विधायक और पूर्व मंत्री महबूब अली की प​त्नी हैं। कमलेश आर्य बसपा के लोकप्रिय नेता तथा मंडल कोआर्डीनेटर हेम सिंह आर्य की पत्नी हैं। रेनु चौधरी पूर्व मंत्री, सपा के कद्दावर नेता स्व. चौ. चन्द्रपाल सिंह की पुत्रवधु हैं। ये तीनों अपने-अपने वार्डों में चुनावी प्रचार में संलग्न हैं। महबूब अली अपने विधायक बेटे परवेज अली तथा सपा टीम के साथ क्षेत्र में सघन अभियान छेड़े हुए हैं। उनका दावा है कि सकीना बेगम भारी बहुमत से जीत हासिल करेंगी।

कमलेश आर्य के साथ चुनाव अभियान में उनके पति हेम सिंह आर्य और बसपा कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से संलग्न हैं। वे अपनी जीत और प्रतिष्ठा के लिए पूरे दिन परिश्रम कर रहे हैं। हेम सिंह आर्य का कहना है कि कमलेश आर्य प्रभावशाली वातावरण में भारी बढ़त बना चुकी हैं। लोग उनके साथ हैं, अत: विजय से इंकार नहीं किया जा सकता।

रेनु चौधरी भले ही जीत के लिए पूरा जोर लगाकर प्रचार कर रही हैं लेकिन देर से उनका नाम सामने लाया जाना और ऐन वक्त पर रालोद का समर्थन वापस लेकर उनके विपरीत मैदान में आना खतरे का स्पष्ट संकेत है। उधर बसपा से पहले ही चौ. शूरवीर सिंह के संपर्क अभियान से किसानों और मजदूरों का एकजुट होकर उनके साथ आना सबसे बड़ी समस्या बन गया है। यहां के सपा, भाजपा और रालोद के कार्यकर्ता भी शूरवीर सिंह को सबसे मजबूत मान रहे हैं। फिर भी रेनु चौधरी विजय की उम्मीद में संघर्ष कर रही हैं।

वार्ड 11 से बसपा समर्थित प्रत्याशी मीनाक्षी चौधरी बसपा नेता चौ. बलवीर सिंह के बेटे निरंजन सिंह की पत्नी हैं। उनके चुनावी प्रचार में इंदिरावती, बलवीर सिंह, निरंजन सिंह तथा उनके समर्थक जोरशोर से अभियान में जुट गये हैं। पूर्व जिला पंचायत प्रमुख इंदिरावती की प्रतिष्ठा के सवाल पर पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक रणक्षेत्र में जौहर दिखा रहे हैं। जिसके प्रभाव से सभी वर्गों के लोगों का उनसे जुड़ाव बढ़ता जा रहा है। इंदिरावती का दावा है कि मीनाक्षी के पक्ष में वार्ड में जबर्दस्त समर्थन है।

वार्ड 10 में भाजपा समर्थित प्रत्याशी किसान नेता चौ. भूपेन्द्र सिंह के चुनाव को निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता चौधरी ने अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। जहां भूपेन्द्र सिंह अपनी सशक्त युवा टीम के बल पर युद्ध स्तरीय चुनावी तैयारी कर रहे हैं, वहीं सरिता चौधरी उनकी प्रेरणा स्रोत बनकर चुनावी रणनीति बनाने में उनके कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं।

यह तो चुनावी परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा कि पांच पूर्व जिला पंचायत प्रमुखों में कौन-कौन अपना लक्ष्य हासिल करेंगी। फिर भी इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि जिला पंचायत के कुल 27 वार्डों में ये पांच वार्ड महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यहां पांच पूर्व जिला पंचायत अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर है। जिसे बचाये रखने के लिए वे अपनी संपूर्ण शक्तियों और रणनीतियों को इस्तेमाल करने में पूरी बुद्धिमत्ता से प्रयासरत हैं।

-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.