सतेन्द्र भड़ाना के पिता स्व. नैपाल सिंह आजीवन खादर क्षेत्र की राजनीति के मजबूत स्तंभ रहे हैं.
जिला पंचायत के वार्ड 8 से बसपा ने सतेन्द्र भड़ाना उर्फ सोनू को उम्मीदवार घोषित किया है। यहां बसपा के परंपरागत एससी मतदाताओं की संख्या करीब 18 हजार बताई जाती है। इनके साथ सोनू भैया के सजातीय गुर्जर समुदाय के मतों को शामिल किया जाये तो यह संख्या बीस हजार हो जाती है। यह आंकड़ा शेष बचे तमाम मतों के जोड़ से भी अधिक बैठता है। यहां सपा, भाजपा और रालोद सहित कई अन्य दलों के उम्मीदवार भी मैदान में आयेंगे। वे चाहें किसी भी वर्ग, जाति अथवा समुदाय से आयें बसपा उम्मीदवार के जातीय समीकरण के आसपास नहीं पहुंचने वाले।
बसपा नेताओं के मुताबिक वार्ड 9 से कमलेश आर्य एससी और वार्ड 8 से सतेन्द्र भड़ाना बीसी को एससी और बीसी मतों को दोनों वार्डों में ध्रुवीकृत करने के लिए उम्मीदवार बनाया गया है। बसपा की प्रमुख प्रतिद्वंदी सपा और भाजपा के स्थानीय नेता भी यह मानते हैं कि वार्ड 8 में समीकरण बसपा के ही पक्ष में हैं।
बसपा उम्मीदवार भड़ाना की पत्नी पिछली बार वार्ड 8 से सटे वार्ड 9 से बसपा उम्मीदवार के रुप में विजयी हुई थीं। ऐसे में दोनों ही वार्डों में सोनू का अच्छा प्रभाव है। उनके पिता स्व. नैपाल सिंह आजीवन खादर क्षेत्र की राजनीति के मजबूत स्तंभ रहे हैं। यह श्रेय उनके गांव मुरादपुर से गंगा के समानान्तर धनौरा तहसील के पूरे खादर में पड़ता है।
सपा की ओर से धनौरा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख महाराज सिंह को उम्मीदवार बनाया जा रहा है। यहां जाट, मुस्लिम और यादव जातीय गणित को सपा से जोड़कर देखा जा रहा है। इन तीनों का पूरा झुकाव सपा की ओर नहीं है, यदि उसे सपा के पक्ष में मान भी लें तब भी यह आंकड़ा 7000 तक भी नहीं पहुंच सकता है। भाजपा भी सपा के आसपास तक जा सकती है। बसपा के मत यदि कुछ इधर-उधर भी बंट जायें तब भी उसका स्कोर इतना विशाल है कि उसे स्पर्श तक भी करना असंभव है। फिर यह भी एक निरंतरता है कि सभी वर्गों के कुछ न कुछ वोट विभाजित होते ही हैं। ऐसे में यदि बसपा के कुछ मत दूसरी ओर जायेंगे तो दूसरे मतों में से उसकी ओर भी कुछ मत आयेंगे।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.