अमरोहा जिले में कोरोना संक्रमण का ग्राफ नीचे जा रहा है

अमरोहा कोरोना संक्रमण ग्राफ
17 मई से संक्रमण के मामले 100 के आसपास ही आए हैं. 20 मई को यहाँ 89 केस आए हैं.

अमरोहा जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी हो गई है। मई महीने में संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ा और आधा महीने आते-आते इसका ग्राफ नीचे की ओर जाने लगा है। 20 मई को यहाँ 89 केस आए हैं। पर यह बिल्कुल नहीं सोचा जाना चाहिए कि खतरा टल गया है। मई में अब तक 7 हजार के करीब मरीज़ सामने आए हैं। यहां ब्लैक फंगस का भी एक मामला आया था जिसमें एक महिला की मौत हो गई। जबकि दो लोग उस बीमारी की चपेट में आए हुए बताए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण में बरती गई लापरवाही घातक हो सकती है, यह मानना बेहद जरुरी है। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग और चेहरे पर मास्क आदि का प्रयोग करना नहीं भूलना चाहिए।

पहली मई को जिले में 432 संक्रमण के मामले सामने आए थे। उस दिन 9 लोगों की जान चली गई थी जिनमें चीनी मिल के मुख्य अभियंता और एक होम्योपैथी चिकित्सक भी शामिल हैं। सक्रिय केसों की ​यदि बात की जाए जो साढ़े तीन हजार के आसपास जिले में मरीज़ थे। बूढ़नपुर की अस्थायी जेल में 21 मामले सामने आए। वहीं गजरौला की फैक्ट्रियों जुबिलेंट इंग्रेविया तथा टेवा एपीआई में सर्वाधिक संक्रमण हुआ है। 1 तारीख को 34 मरीज फैक्ट्रियों में पाए गए थे। संक्रमण चूंकि गांवों की तरफ रुख कर गया है, इसलिए ग्रामीण इलाकों में रोज कई मरीज सामने आ रहे हैं। अमरोहा और जोया के दो गांवों में कुल 30 कोरोना संक्रमित निकलने पर स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गयी। उधर कुआंखेड़ा गांव में बुखार से 3 लोगों की मौत हो गई थी। गजरौला के लक्ष्मीनगर निवासी ब्रेड व्यापारी जागेश अग्रवाल की पत्नी की समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने पर हापुड़ के एक निजि अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। ऐसी ही एक दूसरी घटना में एक रोगी की मौत होने पर परिजनों ने कांकाठेर के पास एक निजि अस्पताल में हंगामा किया। परिजनों का आरोप था कि ऑक्सीजन के एवज में अस्पताल में 20 हजार रुपए भी लिए गए थे। मगर ऑक्सीजन पहले ही खत्म हो गई थी। गजरौला में हसनपुर रोड स्थित एक गैस विक्रेता पर लोगों ने आरोप लगाया कि कई दिन एडवांस रुपए देने के बाद भी उन्हें ऑक्सीजन नहीं दी जा रही। इसे लेकर गैस विक्रेता से उनकी कहासुनी भी हुई। इसी बीच अच्छी खबर यह आई कि पूर्व सांसद चौ. कंवर सिंह तंवर ने डीएम उमेश मिश्र को जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए 50 लाख रुपए दिए। साथ ही तीन मेडिकल डिस्पेंसरी वैन भी प्रशासन को सौंपी।

दो मई को 570 नए मरीज़ सामने आए। एक पूर्व प्रधान सहित 8 लोगों की कोरोना के संक्रमण से मौत हुई। सक्रिय केस चार हजार को पार गए। गजरौला में एक मुहल्ले में 30 कोरोना पॉजिटिव मिले।

जिले में 3 मई को सर्वाधिक एक दिन में 835 मामले सामने आए। साथ ही 11 लोगों की मौत भी हुई जिनमें एक बैंक मैनेजर और गैस एजेंसी स्वामी भी शामिल हैं। गजरौला के 3 मरीज़ों ने दम तोड़ा। इनमें दो महिलाएं थीं।

अमरोहा जिले में कोरोना संक्रमण

गजरौला ब्लॉक के सलेमपुर गोसाईं के रहने वाले प्रधानाध्यापक कैलाश चंद्र कोरोना संक्रमित थे। उनका इलाज मुरादाबाद स्थित टीएमयू में चल रहा था। 4 मई को उनकी मौत हो गई। वहीं हसनपुर में पिछले पन्द्रह दिन से उपचार के लिए भर्ती पेट्रोल पंप स्वामी की लगातार गिरते ऑक्सीजन लेवल की वजह से टीएमयू में मौत हुई। एक व्यक्ति होम आइसोलेशन में था, उसे समय पर ऑक्सीजन नहीं मिली और उसकी मृत्यु हो गई। मई की 4 तारीख को 414 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए।

पांच मई को कोरोना संक्रमण के कारण हसनपुर क्षेत्र के भाजपा के बूथ अध्यक्ष की मौत हो गई। अमरोहा में 45 वर्षीय एक व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हुई। उसकी पत्नी की भी 15 दिन पहले मौत हुई थी। इस दिन जिले में कुल 12 लोगों की मौत हुई जिनमें दो मरीज़ गजरौला के थे। कुल संक्रमितों की संख्या 700 रही।

हसनपुर क्षेत्र के रहने वाले सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर और उनकी पत्नी की कोरोना संक्रमण से मौत हुई। पति की मौत के चार घंटे बाद उनकी पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। यह घटना 8 मई की है। जिले में इस दिन 341 संक्रमण के मामले सामने आए थे। जिले में कुल मौतें 13 दर्ज की गईं।

6 मई से लगातार केस कम होते गए हैं। जहां करीब तीन हजार केस सामने आए वहीं अगले पांच दिनों में उनसे एक हजार कम यानी 2 हजार के करीब मामले दर्ज किए गए।

यदि हम 1-10 मई तक के केसों को देखें तो करीब 5 हजार सं​क्रमण के मामले आए। 11-20 मई तक रफ्तार घटी और 2 हजार से कम मामले दर्ज किए गए।

15 मई में जिले में सबसे कम कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए गए। इस दिन कुल 65 पॉजिटिव केस आए। जबकि 7 लोगों की मौत हुई। संक्रमण को मात देकर स्वस्थ होकर लौटने वालों की संख्या 420 थी।

17 मई से संक्रमण के मामले 100 के आसपास ही आए हैं। उम्मीद है संक्रमण की रफ्तार इसी तरह कम होती जाएगी।

चिकित्सकों का कहना है कि सावधानी बेहद जरुरी है। संक्रमण जबतक पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता तबतक खतरा पूरा बना हुआ है। वैक्सीनेशन के बाद भी एहतियात जरुरी है।

-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.