जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए राजनीतिक सरगर्मियां तेज

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अमरोहा जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए सपा, बसपा और भाजपा तीनों जोड़-तोड़ की जुगत में हैं.
जिला पंचायत चुनाव के परिणाम आते ही अध्यक्ष पद के लिए राजनीतिक दलों में बैठकों, मंथन तथा जोड़-तोड़ की कोशिशें तेज हो गयी हैं। कुर्सी पर कब्जे के लिए सपा, बसपा और भाजपा के प्रयास जारी हैं। किसी भी दल को अध्यक्ष पद प्राप्त करने के लिए जरुरी बहुमत नहीं मिल पाया। सपा के आठ, बसपा के सात और भाजपा के केवल छह उम्मीदवार ही जीत पाए हैं। 27 सदस्यों की जिला पंचायत में पांच निर्दलीय भी जीते हैं।

यदि निर्दलियों को जोड़ा जाए तो सत्ताधारी भाजपा फिर भी जरुरी आंकड़े से तीन कम रह जाती है यानी वह 11 सदस्य ही जुटा पाएगी। जबकि एक निर्दलीय को सपा पहले ही जीतने से पूर्व अपने साथ ले चुकी थी और आप के एकमात्र सदस्य के समर्थन का दावा कर रही है। ऐसे में वह निर्दलियों और दूसरे किसी के समर्थन के बगैर ही 10 सदस्य जुटाए हुए है। उसे चार निर्दलियों का सहारा मिल गया तो वह बसपा, बिना भाजपा में जोड़-तोड़ किए अध्यक्ष पद हासिल कर सकती है। हो सकता है भाजपा के खिलाफ सपा-बसपा स्थानीय स्तर पर गठजोड़ कर लें। वैसे बसपा के कई बड़े नेता यहां आकर जिला पंचायत पर कब्जे की रणनीति में लग गए हैं।

उधर भाजपा भी हर हाल में अध्यक्ष पद पाने को पूरी कोशिश कर रही है। खराब प्रदर्शन के कारण पार्टी में अंतर्कलह जारी है। ऐसे में भले ही एक नेता पुत्र को कुर्सी पर बैठाने की कोशिश हो रही हो लेकिन यह उतना आसान नहीं रह गया। बिना सपा या बसपा में तोड़फोड़ के भाजपा को सफलता नहीं मिलने वाली। जो बहुत आसान नहीं लगता, फिर भी कुर्सी के लिए भाजपा नेता भी पूरी कोशिश में जुटे हैं।

राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के पूर्व सांसद कंवर सिंह तंवर के बेटे ललित तंवर को अध्यक्ष बनाना चाहती है। जबकि सपा सकीना बेगम और बसपा मीनाक्षी चौधरी अथवा कमलेश आर्य में से किसी एक को आगे ला सकती है। देखते हैं इनमें से किसके सिर जिला पंचायत प्रमुख का ताज सजेगा।

~टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.