जिले के बारह हजार पात्र किसान सम्मान निधि से वंचित : विधायकों और अधिकारियों से गुहार के बाद भी नहीं मिला पैसा

किसान सम्मान निधि
किसानों को लुभाने के लिए पिछले लोकसभा चुनावों से पूर्व भाजपा ने यह योजना शुरु की थी.

कई-कई बार जरुरी कागजात जमा करने के बावजूद जनपद के बारह हजार किसान केन्द्र सरकार द्वारा चलायी जा रही किसान सम्मान निधि योजना के लाभ से वंचित हैं। इनमें अधिकांश सीमांत और लघु कृषक हैं। ऐसे किसानों में से अधिकांश किसान तहसील स्तर से जिला स्तर तक के अधिकारियों को अपनी समस्या बता चुके। यही नहीं क्षेत्रीय विधायकों के माध्यम से भी जिला कृषि अधिकारी को समस्या के समाधान की सिफारिश करा चुके। कुछ लोगों ने तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालयों को भी इस संबंध में सूचित किया लेकिन ऐसे लोगों की कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। मजेदार बात यह है कि दशकों पूर्व विदेशों में बसे दोहरी नागरिकता प्राप्त भी कई लोग इस सेवा का लाभ ले रहे हैं।

धनौरा के क्षेत्रीय विधायक राजीव तरारा से इस संबंध में बात हुई तो उन्होंने जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार से जानकारी मांगी। कृषि अधिकारी ने बताया कि जिले में 12 हजार ऐसे किसानों को निधि का पैसा नहीं मिला जो निधि प्राप्त करने के हकदार हैं। केन्द्र सरकार द्वारा तीन वर्षों से चलाई जा रही इस योजना में पात्र किसानों के नाम अधिकारी केन्द्र को भेज चुके, बतौर जिला कृषि अधिकारी सूची भेजी जाने के बावजूद अभी तक बारह हजार किसान लाभ प्राप्त करने से वंचित हैं।

इस योजना में साल में दो-दो हजार की तीन किश्तें किसान को देने का नियम है। किसानों को लुभाने के लिए पिछले लोकसभा चुनावों से पूर्व भाजपा ने यह योजना शुरु की थी लेकिन तीन वर्ष बीतने के बावजूद प्रदेश के लाखों किसानों को सरकार यह लाभ देने में असमर्थ रही है। यही नहीं पहली किश्त के बाद आनेवाली बाकी किशतों में किसानों की संख्या घट-बढ़ होती रही है। इसी से शासन और प्रशासन चला रही शक्तियों की नीयत का पता चलता है।

विधायकों तथा जिला प्रशासन के सामने हकीकत लाने और उसे सत्ता के शीर्ष पर मौजूद शासकों तक पहुंचाने पर भी जब जरुरतमंदों की समस्याओं का समाधान करना तो दूर उनकी सुनवाई तक न करना सरकार के प्रति जनता का भरोसा टूटता जा रहा है।

-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.