भाजपा के पूर्व सांसद पर गुरुग्राम में जमीन अधिग्रहण पर रुपए लेने का है मामला.
भाजपा के पूर्व सांसद कंवर सिंह तंवर के खिलाफ 65.43 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। एक कंपनी की शिकायत पर अदालती आदेश के बाद दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पूर्व सांसद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। सांसद पर कंपनी ने गुरुग्राम में टाउनशिप विकास के लिए जमीन अधिग्रहण में धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
कंवर सिंह तंवर के खिलाफ यह मामला आर्थिक अपराध शाखा ने कृष रीयलटेक प्रा. लि. के निदेशक और अधिकृत प्रतिनिधि अमूल्य कुमार मिश्रा की शिकायत पर दर्ज किया है। इस कंपनी का कार्यालय जसोला में है। मिश्रा की रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी कंपनी का नाम 2010 में बदलकर ब्रहम कृष बिल्डटेक प्रा. लि. तथा 2011 में टाउनशिप के लिए जब भूमि की तलाश कर रही थी तब 2008-09 में कंपनी द्वारा अधिकृत रंजन गुप्ता की मुलाकात कंवर सिंह तंवर से हुई। बतौर अमूल्य कुमार तंवर ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी कंपनी के पास काफी भूमि तथा जरुरत पर वे किसानों से भी उन्हें जमीन दिलायेंगे।
बताया जाता है कि कंवर सिंह तंवर ने कंपनी की जरुरत के मुताबिक कुल 105 एकड़ भूमि जिसमें उनकी अपनी 63 एकड़ भूमि और शेष 42 एकड़ किसी और से दिलाने का वादा किया। भूमि की कीमत 3 करोड़ 30 लाख प्रति एकड़ तय हुई। दोनों ओर से करार में समझौता होने पर कंपनी की ओर से 84.35 करोड़ और बाद में रंजन गुप्ता के माध्यम से 22.77 करोड़ रुपए तंवर को दिए गए। रंजन के मुताबिक कंपनी से तंवर ने किसानों को भी 90.55 करोड़ रुपयों का भुगतान कराया। आरोप है कि पैसों के भुगतान के बाद भी जमीन पर पूरा कब्जा नहीं मिला।
उधर कंपनी ने टाउनशिप लाइसेंस के लिए जो आवेदन किया था उसपर हरियाणा सरकार के टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग निदेशालय ने लाइसेंस भी जारी कर दिया। कंपनी ने इसके बाद डीएलएफ से करार कर निर्माण भी शुरु करा दिया। अभी तक कंपनी को 105 एकड़ के बजाय महज 48 एकड़ जमीन ही मिल पायी थी। माजरा संदिग्ध जान डीएलएफ ने करार रद्द कर दिया। डीएलएफ को ब्रह्म सिटी प्रा. लि. के मालिकों द्वारा 29 करोड़ का भुगतान भी करना पड़ा।
कंपनी का आरोप है कि पूर्व सांसद ने उनके साथ धोखाधड़ी की है। इससे 210.18 करोड़ देने के बाद भी उसे केवल 158.75 करोड़ रुपयों की ही जमीन मिली है। यही नहीं कंवर सिंह तंवर की वजह से ही कंपनी को डीएलएफ को 14 करोड़ रुपयों का फालतू भुगतान करना पड़ा है।
सत्ताधारी पार्टी के प्रभावशाली नेता होने की वजह से कंवर सिंह तंवर के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए कंपनी को अदालत की शरण लेनी पड़ी। अदालती आदेश के बाद दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में पूर्व सांसद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.