श्रृद्धा व उत्साह से मनाया गुरु पर्व : गुरु हरगोविन्द साहिब के प्रकाश पर्व पर भव्य आयोजन

आयोजित दीवान

गुरुद्वारा श्री गुरुनानक दरबार फत्तेहपुर छीतरा में गुरु हरगोविन्द साहिब का प्रकाश पर्व पूरी श्रद्धा, उत्साह और परंपरागत रीति रिवाज से मनाया गया। इस अवसर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का भोग पड़ा। अरदास के बाद गुरुवाणी का सबद कीर्तन और विद्वानों ने गुरुजी व उनके आदर्शों पर विचार व्यक्त किए। इस दौरान गुरु का अटूट लंगर जारी रहा।

गुरु हरगोविन्द साहिब

मौजूद साध संगत को दिल्ली के एतिहासिक गुरुद्वारा बंगला साहिब के ग्रंथी ज्ञानी योगिन्दर सिंह पारस ने संबोधित करते हुए गुरु साहिब के जीवन की प्रमुख तथा महत्त्वपूर्ण घटनाओं का विस्तार से उल्लेख किया। पंचम गुरु अर्जुन देव की शहीदी की वजह से गुरु हरगोविन्द साहिब को हथियार उठाने को बाध्य होना पड़ा। वे ऐसे पहले सिख गुरु थे जिन्होंने भक्ति के साथ शक्ति को शामिल किया तथा सिखों को तत्कालीन हुकूमत के दमनात्मक रवैये के कारण हथियार चलाने का प्रशिक्षण देकर उन्हें कुशल योद्धाओं में परिवर्तित किया। गुरुजी जीवन पर्यन्त कमजोर, उत्पीड़ित और शोषित वर्गों के लिए संघर्ष करते रहे।

गुरु हरगोविन्द साहिब

इस मौके पर जयशरन सिंह, भाकियू नेता विजयपाल सिंह, भगत पूरन सिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किए और गुरुजी के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।

आयोजित दीवान में दूरदराज से भारी संख्या में स्त्री-पुरुष और बच्चे शामिल हुए। सभी ने कड़ाह प्रसाद और लंगर छका। बीच-बीच में वाहिगुरु का खालसा, वाहिगुरु की फतह का उद्घोष जारी रहा।

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.