बिजनौर में तेंदुए ने इस साल अब तक 15 लोगों की जान ले ली है। जबकि घायलों की संख्या इससे कई गुना अधिक है। तेंदुआ रोज कहीं न कहीं दिखाई दे रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में उसका खौफ सबसे ज्यादा है। कमाल की बात यह है कि इस साल 18 तेंदुए और 9 शावक अलग-अलग स्थानों से पकड़े भी जा चुके हैं। फिर भी हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे।
28 अगस्त को तेंदुए ने खेत में चारा काट रही एक वृद्धा को अपना शिकार बनाया। उधर खेत में चारा काटने गए दो भाइयों ने जैसे ही तेंदुए को देखा वे अपनी जान बचाकर भाग निकले। डीएफओ अरुण कुमार के अनुसार गांव में पिंजरा लगवा दिए हैं। ड्रोन कैमरे और ट्रैप कैमरे की मदद भी ली जा रही है। मचान बनाकर निगरानी भी की जा रही है।
वन विभाग की टीम जानवर के पैरों के निशान आदि की जांच कर रही है।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के पदाधिकारियों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा। किसान नेताओं ने मांग की कि आदमखोर तेंदुए को जल्द से जल्द से पकड़ा जाए। किसानों का कहना था कि आदमखोर जानवर लोगों पर आए दिन हमला कर उनकी जान ले रहा है। उसे पकड़कर लोगों को निजात दिलायी जाए।
-टाइम्स न्यूज़ बिजनौर.